सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जुलाई, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आतंकी

कश्मीर जो मेरी कल्पना में है । एक दहसद का राज्य जहाँ अभी भी आजादी नहीं है हिन्दुओं को बोलने की और मुस्लिमों को आतंकी हमलों देश को बर्बाद करने और सब्सिडी पर पूर्ण अधिकार है । ...

फेसबुक

फेसबुक !      विचारों का अड्डा .      सन्त , ज्ञानियों का ..       राजनीती , चमचों का ..      दुकानदारों का ...      प्रेम , धोखे का .     धर्म , कट्टरता का ..     अड्डा आशिकों का ...     फ़रेब का , टाइ...

आपदा

कहर !        प्रकृति का या मानव का प्रकृति पर ? कौन निश्चित करेगा ? कौन मरेगा , कौन बचेगा ..?       पर्वत खोद कर बेच डाले ..       जंगल जला खाक कर डाले । सोचता हूँ मैं सुखी रहूँगा किसी को ...

तुम देख रही हो ना ?

तुम से हजारों बार मिला हूँ ..         हर बार मिलने के लिए बेचैन रहता हूँ .. सुन रही हो ना तुम ?        वो देखो .. तुम देख रही हो ना ?       सूरज जो शर्मा रहा है .. हम को देख और छुप गया है माँ के ...