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नेता

खुशहाली शब्द चुनावी वादों में था ,
हत्या, लूट नेताजी के इरादों में था ,

मेरा घर बचे , मेरे बच्चे पढ़ें ,
जान की भीख माँगता वोटर लाइनों में था ,

इस शहर के अमीरों ने हवा भी खरीद डाली ,
मेरी हत्या का जिम्मेदार वो नेता ही था ।

शिक्षा , उच्चशिक्षा के नाम पर लूटते हैं नेता ,
शिक्षा बेचने का ठेका तो उसके भतीजे को मिलना था ।

पक्ष - विपक्ष पति पत्नी हैं ...
उन्हें तो हर निशा एक होना था ।

माणिक्य बहुगुणा




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रस्मे-वफा के चलते हम एक नहीं हो सकते

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टापर हूँ मैं ।

मैं टापर हूँ बिहार का ..। देश का भविष्य हूँ । चाणक्य हूँ मैं । मैं ही बूद्ध हूँ । नये ज्ञान का सृजन हूँ मैं ..। मैं ही ज्ञान -विज्ञान हूँ । टापर हूँ मैं । माणिक्य बहुगुना