मेरे अनुभव एवं इस समाज की स्थिति का वर्णन किया गया है ।
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टापर हूँ मैं ।
मैं टापर हूँ बिहार का ..।
देश का भविष्य हूँ ।
चाणक्य हूँ मैं ।
मैं ही बूद्ध हूँ ।
नये ज्ञान का सृजन हूँ मैं ..।
मैं ही ज्ञान -विज्ञान हूँ ।
टापर हूँ मैं ।
।। सम्भावना ।। सम्भावना शब्द संस्कृत में सम उपसर्ग पूर्वक भू सत्तायाम् धातु से ण्यन्त् में ल्युट और टाप् प्रत्यय करने पर निष्पत्ति होती है । सम्भावना जीव...
तू मुझे जग से प्यारा ही है ना छोड़ के जा मेरी पूजा भी तू माँ जमीं में देवता ।। मैं बिन तेरे हूँ अधूरा सा गम में मारा लगता क्यों सारा बनता हूँ .....बेचारा ।। चंद्रप्रकाश बहुगुणा /म...
चिकित्सक को भगवान समझा जाता है ये एक सच्चा झूठ है , ये मैं कहीं पढ़ी हुई बात नहीं कर रहा हूँ अपितु देखा हुआ बोल रहा हूँ । हमारे देश में एम्स को उत्तम कोटि के चिकित्सालय समझ जाता ह...
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