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भारतीय राजनीति

हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष ने अपने सभी सदस्यों को बुलाया और बच्चों की समस्याएँ बताई कि हिन्दी में बच्चों को कबीर , रहीमादि समझ नहीं आते और न ही वर्तमान में इसका कोई महत्व है । क्यों ना कुछ रोचक पढ़ाया जाय ?
एक महाशय बीच ही बोल दिए सनी लिओनी का संघर्ष पढ़ाया जाय तो ?
और संघर्ष दिखाया जाय तो कैसा रहेगा ?
कुछेक ने नाक - मुँह बनाये ...।
कुछ समर्थन में उतर आये ...?
और कुछेक ने अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन का नाम दिया । कुछेक अंशन पर बैठे ।
बात बच्चों तक पहुँची , नन्हे बच्चे रोडों में उतरे और हंगामा मचाया । बात मंत्री जी तक पहुँची । विपक्षियों ने हंगामा मचाया ..। हमें आज़ादी चाहिए विषय वस्तु बनाने की देश के हर कोने से पक्ष - विपक्ष में उतरे लोग ..।
लोग भुखमरी से मर रहे थे मंत्री जी भाषणों में अडे थे । लोकसभा , राज्यसभा में हंगामा हुआ । आजादी आज़ादी ।
कुछेक महिमामंडित करने लगे लोगों को । टी.वी. की टीआरपी बड़ी ।

माणिक्य बहुगुना

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