मैं बस तुम्हारा हाथ पकड़ कर कुछ कदम चलना चाहता हूँ ...।
इस दुनियाँ से लड़ कर अपना बनाना चाहता हूँ ।।
माणिक्य बहुगुना / पंकज / चंद्र प्रकाश
लोग चांद तक पहुंच गये ..... मैं बचपन के खिलौनों से खेलता हूं.... लोग इतने चालाक हो गये कि मत पूछ चन्दर .... मैं अभी भी हालातों के उख...
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