अच्छे मित्र शक्ल से या पैसे से नहीं तोले जाते हैं ....
वो कोई बाज़ार नहीं जहाँ अच्छे मित्र ख़रीदे जाते हैं ,
ये तो रब की दुआ है हम पर ऐ दोस्त ...
जो आप जैसे दोस्त बन जाते हैं ।।
माणिक्य बहुगुना
लोग चांद तक पहुंच गये ..... मैं बचपन के खिलौनों से खेलता हूं.... लोग इतने चालाक हो गये कि मत पूछ चन्दर .... मैं अभी भी हालातों के उख...
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