अच्छे मित्र शक्ल से या पैसे से नहीं तोले जाते हैं ....
वो कोई बाज़ार नहीं जहाँ अच्छे मित्र ख़रीदे जाते हैं ,
ये तो रब की दुआ है हम पर ऐ दोस्त ...
जो आप जैसे दोस्त बन जाते हैं ।।
माणिक्य बहुगुना
।। सम्भावना ।। सम्भावना शब्द संस्कृत में सम उपसर्ग पूर्वक भू सत्तायाम् धातु से ण्यन्त् में ल्युट और टाप् प्रत्यय करने पर निष्पत्ति होती है । सम्भावना जीव...
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