ग़ज़ब की दुकान थी मित्रों , नारे बिक रहे थे , लोंगों की संवेदना बिक रही थी ., दो किलो मसालेदार तोलना नेता जी ने कहा , क्या डालूँ दुकानदार बोला ? नेता जी बोले क्या -क्या है ? दुकानदार बो...
मेरे अनुभव एवं इस समाज की स्थिति का वर्णन किया गया है ।