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संदेश

राजनीति एक दुकान

ग़ज़ब की दुकान थी मित्रों , नारे बिक रहे थे , लोंगों की संवेदना बिक रही थी ., दो किलो मसालेदार तोलना नेता जी ने कहा , क्या डालूँ दुकानदार बोला ? नेता जी बोले क्या -क्या है ? दुकानदार बो...

प्यार लिया फिरता हूँ

मैं खुद तो उद्गार लिया फिरता हूँ .. जीवन में फिर भी प्यार लिया फिरता हूँ । मैं रमता जोगी हूँ ना घर , ना पैसे . फिर भी लोगों को प्यार दिया फिरता हूँ ।। माणिक्य बहुगुना / पंकज / चंद्र प...

बहना की राखी

बहन का भाई को ख़त .. मेरे प्यारे भय्या... नमस्कार .. भय्या आज ... चिट्ठी संग राखी भेज रही हूँ ... बचपन की यादों की राखी .. बचपन वाली चमकीली . रंगी .. खिलखिलाती राखी ... आप के मन भावन सुन्दर राखी ... आ...

प्रेम

मैं बस तुम्हारा हाथ पकड़ कर कुछ कदम चलना चाहता हूँ ...। इस दुनियाँ से लड़ कर अपना बनाना चाहता हूँ ।। माणिक्य बहुगुना / पंकज / चंद्र प्रकाश

प्रेम

तुम्हारी आँखों से मैं अपने ख़्वाब देखूं । काश कि तुम मेरे आँखों में ख़्वाब देखो । माणिक्य बहुगुना / पंकज / चंद्र प्रकाश

तुम हो

कैसे कहूँ ? मेरे बदलाव का कारण तुम हो , तुम मानोगी नहीं लेकिन तुम हो । घन्टों निहारता रहता हूँ आयने में खुद को , सजता हूँ सवरता हूँ जिसका कारण तुम हो ।। मेरे ख्वाबों का कारण भी तु...