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नारी एक .... रूप अनेक

जब बेटी होती है तो .. घर में खुशियाँ बसती है
जब पत्नी होती है ..उस में अन्नपूर्णा दिखती है ..
जब माँ होती है तो ... माँ की छाँव में सारी खुशियाँ लगती हैं
और फिर दादी,नानी बनती हैं
फिर भी ना जाने लोग क्यों मार देते हैं इन को
वो नारी ही है जो इतने रूपों में दिखती है ।।

©®चंद्र प्रकाश बहुगुना / पंकज / माणिक्य

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