रात अब चारों तरफ से घिरने लगी है ..
इस दिल को तुम्हारी यादों आने लगीं हैं ..
तेरे फेसबुक स्टेट्स पढ़ कर लगा मुझे ...
तू भी मेरी याद में अब तक जगी है ।।
©®चंद्र प्रकाश बहुगुना / माणिक्य / पंकज
मेरे अनुभव एवं इस समाज की स्थिति का वर्णन किया गया है ।
रात अब चारों तरफ से घिरने लगी है ..
इस दिल को तुम्हारी यादों आने लगीं हैं ..
तेरे फेसबुक स्टेट्स पढ़ कर लगा मुझे ...
तू भी मेरी याद में अब तक जगी है ।।
©®चंद्र प्रकाश बहुगुना / माणिक्य / पंकज
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