चलो नई दुनियां बसाते हैं ....
सपनों के बाराती सजाते हैं ...
चलो यहाँ से उम्र भर के लिए ...
चलो तुम को जीवन का सार बताते हैं ,।
©®चंद्र प्रकाश बहुगुना/पंकज/माणिक्य
मेरे अनुभव एवं इस समाज की स्थिति का वर्णन किया गया है ।
चलो नई दुनियां बसाते हैं ....
सपनों के बाराती सजाते हैं ...
चलो यहाँ से उम्र भर के लिए ...
चलो तुम को जीवन का सार बताते हैं ,।
©®चंद्र प्रकाश बहुगुना/पंकज/माणिक्य
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