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।। हसा करो ।।

दर्द सहा करो ,
फिर भी हँसा करो ।
ग़म छुपाया करो ,
यों मुस्कुराया करो ।
अपने जीवन का भी ,
मज़ा उठाया करो ।
महल तो रोशनी से जगमगाते सभी ।
कभी झोपड़े में भी दिया जलाया करो ।
अपनों को तो दुख-सुख देते सभी ,
गैरों के दुःख-सुख में मिल जाया करो ।

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