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जून, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रेम

मुझे इतने प्रेम से गले मत लगाओ .. मुझे देश के लिए लड़ना है मैं कमज़ोर न पड़ जाऊँ .. तुम ईश्वर से प्रार्थना करना । मैं अगर मर जाऊँ लड़ते लड़ते .. मुझे बस एक बार छू लेना  .. मेरे बच्चों को मुझे...

मैं

मैं देश की तरक्की चाहता हूँ ..      लेकिन टैक्स चोरी मैं ही करता हूँ । मैं स्वच्छ भारत मिशन में साथ हूँ ..     कूड़ा सड़कों में नदियों में मैं ही फेकता हूँ । मैं काला धन भारत में लाना ...

भारतीय राजनीति

हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष ने अपने सभी सदस्यों को बुलाया और बच्चों की समस्याएँ बताई कि हिन्दी में बच्चों को कबीर , रहीमादि समझ नहीं आते और न ही वर्तमान में इसका कोई महत्व ...

टापर हूँ मैं ।

मैं टापर हूँ बिहार का ..। देश का भविष्य हूँ । चाणक्य हूँ मैं । मैं ही बूद्ध हूँ । नये ज्ञान का सृजन हूँ मैं ..। मैं ही ज्ञान -विज्ञान हूँ । टापर हूँ मैं । माणिक्य बहुगुना

।। उत्तराधिकारी ।।

।। उत्तराधिकारी ।। मेरे मरने के बाद मेरी पुस्तकें किस की होंगी ये सोच कर मैं कई मार यमराज को धोखा दे चुका हूँ । लेकिन इस बार यम के दूत चेतावनी देके गये हैं ....इस बार मरना ही होगा ...

मेरी गिलहरी

गिलहरी मेरे बग़ीचे की . स्वतन्त्र , उन्मुक्त . लोक लाज से , वस्त्रों से , लिंग भेद से, भ्रूण हत्या से, जातियों से , आरक्षण से , कुरीतियों से , शादी , दहेज़ से , स्कूली शिक्षा से , पदवी से , वा...

दिल्ली एक अनजान शहर

दिल्ली एक अनजान शहर . अनजाने लोग , खुलापन, अभिव्यक्ति की आजादी . भुखमरी , गरीबी , भिखारी , अकुलाये रेड लाईट पर बच्चे माँयें , दिल्ली गेट का चबूतरा याद है मुझे . एक काली सी मूरत . कबूतर...

एक लड़की

लड़की एक सुंदर लड़की एक लकड़ी ठेले पर सब्जी बेचती है .. वो मुस्कान मुझे मजबूर करती है .. उसी से सब्जी खरीदने के लिए  , वो सब्जी संग हँसी बेचती है .. मुफ़्त में , रूह की खुसी भरी दुपहरी में ,...

प्रतिक्षा

               । प्रतिक्षा । हर पल तुम्हारी प्रतिक्षा करता हूँ .. तुम मेरे निकट नहीं आती हो । क्या मैंने ही प्रेम किया था ? तुम ने भी हजारों वादे किये थे ना ? अब तुम क्यों भूल गए मुझे और वादों को . लेकिन फिर भी तुम मेरे हृदय में रहती हो । तुम्हारे सुन्दर केश बादल से लगते हैं सुंदर . और तुम्हारी आँखों में स्वयं कामदेव बसते हैं । तुम्हारी बोलने की कला मुझे प्रभावित करती है . तुम्हारे चलने से मैं मदमस्त हो जाता हूँ । तुम गुस्से में पाटल (गुलाब )की कली सी लगती हो . और जब हँसती हो तो अप्सरा सी सुंदर लगती हो । लेकिन अब तुम्हारा हृदय पत्थर हो गया शायद । पहले तुम्हारा हृदय हिम सा कठोर होकर भी पानी सा था . तुम तो मुझे उसी क्षण भूल गई होगी . लेकिन मैं तुम को प्रतिपल याद करता हूँ । और अंत में तुम्हारी तारीफ में नेति नेति कहता हूँ . क्योंकि मेरे पास शब्द नहीं  हैं . मेरे लिए सब कुछ हो तुम । मैं तुम्हारी प्रतिक्षा करता हूँ हर पल . हर क्षण , रात -दिन . मुझे तुम ने जूठा मान लिया ना ? चन्द्र प्रकाश / माणिक्य /पंकज

मेरा हृदय

तुम सुन रही हो ना ? मेरा हृदय मक्खन सा कोमल है .. थोडा सा प्रेम की आँच से घी बन जाता हूँ .. और थोडा गुस्से में ठोस पत्थर सा । लेकिन मैं पत्थर नहीं हूँ .. मैं बस दिल से बुरा नहीं हूँ । बस ग...

आधुनिक प्रेम

आज नीतू का brithday था .. नीतू कौन ? भाई वर्तमान में जो मेरी सखी है ...। आप जैसे पढ़े लिखे लोगों की भाषा में girlfriend ... टेवल के उस छोर में बैठी नीतू आज मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी लगे भी क्यों ना ...

इतना मशहूर ना कर

तू मुझे अपने प्यार में इतना मजबूर ना कर ..., मैं तुझ से दूर हो जाऊ ऐसी बात ना कर ..., मैं तुझ से ही ना मिल पाऊ ..., क़िस्मत मुझे इतना मशहूर ना कर ।।  चंद्र प्रकाश बहुगुना / माणिक्य / पंकज