सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जुलाई, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अनोखी दुनियां है

अनोखी दुनियां है ... अनोखे लोग हैं इस दुनियां के ।क्या कहूँ कुछ व्यथित हो उठता हूँ लोगों को देख कर ,सुन कर , पढ़ कर बस इसी लिए लिखता हूँ .... आजकल व्हाट्सऐप, फेसबुक,ट्वीटर इत्यादि में भ...

दो युगों का संघर्ष

सड़क के पार .. आलीसान बंगला , बंगले में घुटती खुशियाँ , एसी की हवा लेता ... अंग्रेजी कुत्ता , कंप्यूटर,मोबाईल ... में बिजी बच्चे , नोटों के बण्डल की ... गिनती करता बाप , अपनी मित्र मंडली के ... ...

पिता

पिता रिश्तों की बुनियाद है . धूप में छाँव है ..., अकाल में अनाज है ., पिता के चरणों में ..... चारों धाम हैं । पिता जीवन में विश्वास है , उमंग है ..., नया रंग है । पिता भगवान का .. दूसरा रूप हैं ., पि...

याकूब मेमन को फांसी क्यों नहीं ?

सजा शब्द का प्रयोग हम लोग आमतौर पर दैनिक दिनचर्या में करते हैं । वो चाहे आप को आप की माँ ने सजा का फरमान सुनाया हो या पापा ने या फिर अध्यापक ने पर हम लोग इस शब्द से अनभिज्ञ नहीं ...

चेहरे के भाव

चेहरे के भाव ना जाने कितने हैं , दुःख में अलग सुख में अलग किसी से नाराज हो अलग किसी से प्यार हो अलग बड़े लोगों के लिए अलग छोटे लोगों के लिए अलग ...सम्मान में अलग..... और न जाने कितने भाव ...

वर्ण पिरामिड

       (1) क्यों ? वृ क्षों प र्व तों ने वल्कल  छो ड़ दिए हैं  नानी ने कहानी प न घ ट ने पानी         (2) हैं  अश्क  चे ह रे  को भीगोते  खूब रुलाते  जिन्दगी तो हुई  दुःखों का पनघट ।।      ...

याद रहता है

हर रात पिछली रात की याद लिए रहती है .. हर सुख पिछले दुःख को संजोए रखता है । हर खुसी में पिछला रुदन छुपा रहता है ... हर प्रेम में वो पहला प्रेम याद रहता है । चाहे कुछ भी हो कुछ यादें हम ...

।। प्यार जो मिला था हमको तुम्हारा ।।

क्यों फूल भी कांटे लिए रहते हैं ... क्यों प्यार में ये जुदाई ही मिलती है , जिन्दा हैं तो आज सिर्फ तुम्हारे लिए ... मर भी जाते तो क्या गम तुम्हारे लिए , जिंदगी मयकश बना दी थी तुमने ... दे ...