दिन का सूरज ढल जाएगा ,
यादों की रातें आएगी |
अपने हृदय पट खोल ,
तू भी मिलने आ जाएगी ||
।। सम्भावना ।। सम्भावना शब्द संस्कृत में सम उपसर्ग पूर्वक भू सत्तायाम् धातु से ण्यन्त् में ल्युट और टाप् प्रत्यय करने पर निष्पत्ति होती है । सम्भावना जीव...
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