दिन का सूरज ढल जाएगा ,
यादों की रातें आएगी |
अपने हृदय पट खोल ,
तू भी मिलने आ जाएगी ||
लोग चांद तक पहुंच गये ..... मैं बचपन के खिलौनों से खेलता हूं.... लोग इतने चालाक हो गये कि मत पूछ चन्दर .... मैं अभी भी हालातों के उख...
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